नागपुर न्यूज डेस्क: वाड़ी थाना क्षेत्र के दुर्ग्धामना गांव में दुबई से लौटे युवक के साथ किडनैपिंग, लूट और मारपीट की वारदात ने लोगों को हिलाकर रख दिया। जैसे ही युवक गांव पहुंचा, तीन बदमाशों ने चाकू दिखाकर उसे अगवा कर लिया। पीड़ित को सिल्वर कार में जबरन बैठाया गया और सुनसान पहाड़ी इलाके में ले जाकर बुरी तरह पीटा गया। बाद में आरोपी उसके पैसे और मोबाइल लेकर वहां से फरार हो गए। मामले में पुलिस ने तेजी दिखाते हुए दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि एक अभी भी फरार है। मुख्य आरोपी दीपक शेंडे का लंबा आपराधिक रिकॉर्ड है और वह पहले हत्या के मामले में भी जेल जा चुका है।
पीड़ित अंतराम मंडल, जो दुबई की एक कंपनी में नौकरी करता है, 10 दिसंबर की रात नागपुर आया था। बताया जा रहा है कि उसकी जान-पहचान दुर्ग्धामना की प्रिया सोमकुवर से सालों पहले हुई थी और वह महिला उसे कई महीनों से पैसे मंगवाती रही। आरोप है कि अंतराम ने 8 से 10 लाख रुपये तक महिला को ऑनलाइन भेजे थे। उसी महिला के बुलावे पर वह नागपुर पहुंचा और जैसे ही दुर्ग्धामना आया, कुख्यात अपराधी दीपक शेंडे और उसका साथी सोहेल पाटिल वहां आ धमके। आरोपियों ने टैक्सी चालक से मारपीट कर उसे भगा दिया और पीड़ित को धमकाते हुए कार में डाल लिया।
पहाड़ी इलाके में ले जाकर बदमाशों ने युवक से 30 हजार रुपये ऑनलाइन ट्रांसफर कराए और 15 हजार रुपये नकद भी छीन लिए। दीपक शेंडे ने उसे धमकाते हुए कहा, “मेरे ऊपर सात मर्डर केस हैं… जैसा कहा है, वैसा करो, नहीं तो जान से खत्म कर दूंगा।” इसके बाद आरोपियों ने उसका मोबाइल फॉर्मेट कर स्विच ऑफ कर दिया और अंधेरे में छोड़कर फरार हो गए। किसी तरह स्थानीय लोगों की मदद से पीड़ित वाड़ी थाने पहुंचा और पुलिस ने तुरंत आरोपियों की पहचान कर दो को मौके से ही पकड़ लिया।
अब इस पूरे मामले में पुलिस की कार्यशैली पर भी सवाल उठ रहे हैं। पीड़ित का कहना है कि योजना की शुरुआत प्रिया सोमकुवर ने ही की थी और वही उसे नागपुर बुलाने वाली थी। ऐसे में उसकी भूमिका सबसे संदिग्ध मानी जा रही है, लेकिन पुलिस ने उसे आरोपी नहीं बनाया है। सूत्रों का दावा है कि महिला को बचाने की कोशिश की जा रही है, जिससे जांच की पारदर्शिता पर सवाल उठने लगे हैं। पुलिस का कहना है कि मामले में आगे की जांच जारी है और फरार आरोपी रोहन को जल्द गिरफ्तार कर लिया जाएगा।